टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि उनके और सहवाग के बीच कोई मतभेद नहीं है। धोनी ने यह भी कहा कि टीम में न तो कोई फूट है और न ही कम्युनिकेशन गैप। लेकिन टीम के कप्तान ने यह जरूर माना है कि ऐसी खबरें खिलाड़ियों के लिए अटपटी स्थिति पैदा करती हैं।
रविवार को होने वाले मैच के बारे में धोनी ने कहा, 'हम रोटेशन पॉलिसी नहीं अपनाएंगे। अब घायल होने की वजह से टीम के खिलाडी़ रोटेट किए जा रहे हैं। यह हमारे नियंत्रण में नहीं है। मैंने कहा था कि हम टूर्नामेंट के पहले हाफ में रोटेशन करेंगे, क्योंकि तभी आप आसानी से ऐसा कर सकते हैं। लेकिन अब चूंकि करो या मरो की हालत है। ऐसे में अगर फिटनेस मुद्दा नहीं बनता है तो हम अपने सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ी मैदान पर उतारेंगे।'
सहवाग से मतभेद पर पूछे गए सवाल के जवाब में धोनी ने किसी तरह की अनबन से इनकार करते हुए कहा, 'अगर आप प्रेस कॉन्फ्रेंस का टेप सुनें तो आपको सारे जवाब मिल जाएंगे। धोनी ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में माहौल बेहतर है। शुरू में आपको थोड़ा अटपटा लगता है। कभी कभी आप सोचते हैं कि वह शख्स उस बात पर (जो खबरों में है) भरोसा करने लगा है। और दूसरा शख्स भी यह सोचता है कि पहले शख्स ने ऐसा कहा होगा। लेकिन जब आप एक बार बातचीत सुन लेते हैं तो सारी चीजें साफ हो जाती हैं। इन बातों का हमारे प्रदर्शन या ड्रेसिंग रूम के माहौल पर कोई असर नहीं पड़ता है।'
धोनी ने सहवाग के उस रुख का भी समर्थन किया, जिसमें वीरू ने कहा था कि उन्हें अपने कप्तान से उस बयान को लेकर कोई सफाई नहीं चाहिए जिसमें धोनी ने कहा था कि टीम के सीनियर क्रिकेटर मैदान पर 'स्लो' हैं।
दरअसल, पूरा विवाद धोनी के एक बयान से उठा था। पिछले रविवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हुई हार के बाद धोनी से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि उन्होंने सचिन, गंभीर और सहवाग को एकसाथ क्यों नहीं मैदान पर उतारा? इसके जवाब में धोनी ने कहा, 'यह हो सकता है (कि तीनों खिलाड़ी खेलें)। लेकिन इससे हमारी फील्डिंग पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। यह मामला सिर्फ इन तीन खिलाड़ियों का नहीं है, बल्कि टीम में ऐसे कई खिलाडी़ हैं जो धीमे हैं। लेकिन अगर आप इन तीनों खिलाड़ियों को भी इसमें जोड़ देते हैं तो टीम में सिर्फ दो या तीन ही अच्छे फील्डर बचते हैं। ये खराब फील्डर नहीं हैं। लेकिन यहां मैदान बड़े होने के नाते वे थोड़े धीमे पड़ जाते हैं।
सहवाग को धोनी की यह टिप्पणी अच्छी नहीं लगी। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ हार के बाद कहा था, 'धोनी ने हमें कभी नहीं बताया (कि हम लोग धीमे फील्डर हैं)। इसके अलावा रोटेशन पॉलिसी की वह वजह जो धोनी ने बताई है, वह उस बात से बिल्कुल अलग है जो धोनी ने हमें बताई थी। धोनी ने हमसे कहा था कि वह युवा खिलाड़ियों को यहां (ऑस्ट्रेलिया में) मौका देना चाहते हैं ताकि वे अगला विश्व कप खेल सकें।' जब सहवाग से कहा गया था कि उन्हें धोनी से इस पूरे मामले पर सफाई मांगनी चाहिए। तो उन्होंने कहा था, 'मुझे उनसे बात करने की क्या जरूरत है? वह कप्तान और अगुवा हैं। अगर उन्हें और कोच को लगता है कि टीम के शीर्ष क्रम को आराम दिया जाना चाहिए तो इससे मुझे कोई परेशानी नहीं है।'
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